Wednesday, December 26, 2018

अर्बन नक्सलवाद। देश को तोड़ने की साज़िश ।

5 लोगों के खिलाफ मुम्बई हाइकोर्ट का फ़ैसला आया और उसने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया ।कोर्ट ने कहा कि जाँच की ज़रूरत है । प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर ये साबित हो रहा है कि इन पांचों लोगों ने देश के खिलाफ गहरी साजिश रची थी । विडंबना ये है कि बिना सोचे समझे अपने राजनीतिक लाभ को पाने के लिए पूरे विपक्ष ने सरकार को मानवाधिकार विरोधी बता कर देश का मौहोल अस्थिर करने में कोई कसर नही छोड़ी थी । आज क्यों खामोश है और अपनी करनी की माफी क्यों नही माँगते ? और दुस्साहस देखिये एक चैनल ndtv तो अब भी सारे दिन पूरे ज़ोर से कोर्ट के फैसले को ही गलत बताने में पूरी ताकत से जुट गया है । क्यों नही देशभक्त लोग आगे आते ? आधीरात को याक़ूब मेमन को बचाने पूरा देशद्रोही तबका इक्कट्ठा होकर सुप्रीम कोर्ट पहुँच जाता हैं । जे एन यू में देशद्रोहियों का साथ देने पूरा देशद्रोही कुनबा जुट जाता है । देश को तोडने वालों के खिलाफ देशद्रोही एकजुट हो जाते है । कोर्ट के फैसले को मानते नही ।पत्थरबाजों की हिमायत करते है ।देश की सेना और सरकार के अच्छे कामों की आलोचना करते है । सत्ता सुख भोगते हुए लाखों करोड़ के घोटाले करते है और सत्ता से बाहर होने पर हर दिन सरकार को अस्थिर करने और गिरने का प्रयास करते है।संसद को असंवैधानिक तरीके से काम करने से रोकते है ।देशहित की योजनाओं को पास नही होने देते ।जनहित के बिलों का विरोध करते हैं । दंगे फसाद करने वालों के साथ खड़े दिखाई देते है ओर उनका खुलकर साथ देते है और इतना कुछ सहने वाली सरकार को असहिष्णु कहती है और जनता सबकुछ देखकर भी उन्हें जिताकर फिर राज्यो में भेजती है । गंगा शुद्धि से लेकर तीन तलाक़ के रास्ते मे रोड़े अटकाने वाले, अपराधियों और देशद्रोहीयो के समर्थन में खुले आम आने वालों को जनता कैसे सरकार में पुनः ले आती है कमाल ही है । भीमा कोरेगांव से लेकर पत्थरबाजी की घटनाएं से साबित करती है कि देशद्रोही बौखलाहट में है । नरेन्द्र मोदी के आने से उनकी बौखलाहट बहुत बढ़ गयी है और उन्हें उनका अस्तित्व खत्म होता हुआ दिखाई दे रहा है और वो किसी भी कीमत पर उन्हें सत्ता विहिन करने को लालायित हो रहे है ।कोई फर्क नही पड़ता चाहे इसके लिए देश कई टुकड़ो में बट जाये । ये तो उन तूकड़ो को भी आपस मे बांट कर राज कर लेंगे । जनता  बेवकूफ थीं है और रहेंगी । गुलाम थीं, हैं और रहेगी ।मुगलों को जयचंद जैसे लोग साथ देके देश को उनके समक्ष परोस देते है । मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले श्री गुरू गोबिन्दसिंह जी और छत्रपति शिवाजी के खिलाफ षड्यंत्र करने वाले , तात्या टोपे, लक्ष्मीबाई औऱ अन्य देहभक्तो को अंग्रेजो के हाथों मरवाने वाले , भगतसिंह को आतंकवादी बताने वाले, निजी स्वार्थ के लिए देश का बटवारा करने वाले लोगो को अपना मसीहा समझने वाली हमारी जनता कभी गुलामी से उबरना चाहती ही नहीँ है ऐसा लगता है । में फिर कहता हूं की ईश्वर बार बार अवसर नही देता। इस बार डूबे तो वर्षों तक कोई मोदी नही आने वाला । शिवोहम ।

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