Sunday, December 30, 2018

गहरा षड़यंत्र और राजनीति ।

मैं ये बात पूरे होशोहवास और अपने पूरे अध्ययन के आधार पर कर रहा हूँ । जब जब देश मे काँग्रेस के अलावा किसी अन्य पार्टी की सरकार आती है तब तब राष्ट्र विरोधी ताक़ते सक्रिय हो जाती हैं और कांग्रेस और अन्य भरतीय जनता पार्टी की विरोधी पार्टिया खुलकर उनके समर्थन में आकर खड़ी हो जाती है ।अगर ट्रेंड को गौर से देखा जाए तो स्पष्ट हो जाता है की संसद पर हमला किसने करवाया क्यों कि सरकार भारतीय जनता पार्टी की थी और उसे अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर देश की सर्वोच्च्य संस्था पर हमला किया गया और उसमें पकड़े गए अफ़ज़ल गुरु को कांग्रेस के राज में 10 साल तक कोई सज़ा नही दी गई । अंततः जब उसे सजा हुई और जे एन यू में भारत विरोधी और अफ़ज़ल के हक़ में नारे लगे तो कौन उनके साथ खड़े थे पूरे देश ने देखा । उत्तर प्रदेश से लेकर केरल तक और बंगाल से लेकर गुजरात तक सरकार के खिलाफ भाड़े की भीड़ से उपद्रव करवाया जा रहा है । कश्मीर में पत्थरबाजी करने वालो को मासूम नागरिक बता कर उनके साथ और सेना के खिलाफ खड़े हो जाते है देश ने देखा है कि वो कौन है । देश के सेनाध्यक्ष को गुंडा कहने और और पकिस्तान के सेनाध्यक्ष को देवता कहने वाले लोग कौनसी पार्टी से है पूरे देश ने देखा है । देश के खिलाफ हिंसा और प्रधानमंत्री की मृत्यु का षडयंत्र रचने वाले बुद्धिजीवी लोगो के साथ कौन खड़े है पूरे देश ने देखा है । आई एस आई एस ने देश मे कई जगह बोम्ब विस्फ़ोट करने की साज़िश रचने वालो के साथ किसकी सहानुभूति है देश ने देखा है । एक ईमानदार प्रधानमंत्री को चोर कहकर झूठा प्रचार करने में उन लोगों ने कोई कसर नही छोड़ी जिन पर अरबों रुपयों के भ्रष्टाचार के मामले लंबित है न्यायालय में । उन्ही मुकदमो को मिटाने और नए भ्रष्टाचार करने के लिए सत्ता में होना आवश्यक है । देश की जनता बेवकूफ है इसकी पुष्टि जनता स्वयं बार बार करती आई है । झूठ को चिल्ला चिल्ला कर निरंतर बोलने से वो सच का अहसास देने लगता है और जनता उस झूठ के जाल में फसती आयी हैं और आगे भी फसती रहेगी क्यों कि ये जांचा परखा तरीक़ा है । और जब फस जाए तो जीत के बाद ये कहना कि सरकार तो सिर्फ कांग्रेस ही चला सकती है । 26/11 के मुंबई हमले में और 1992 के मुंबई हमले में पूरा भ्रष्टाचारियो का अमला सुर में सुर मिला के काम कर रहा था । आपको लगता है कि बिना सरकारी और सरकारी अधिकारियों की मदद के कोई इतना विस्फोटक देश मे ला सकता है ? कोई समुद्री मार्ग से कराँची से आकर देश की आर्थिक राजधानी को बंधक बना सकता है ?  पूरा तंत्र है साब इस देश को बर्बाद करने के पीछे ।साफ साफ दिखाई देता है पर किसे क्या पड़ी है । कभी कर्ज माफी की चाशनी थमा दो तो कभी बिना मतलब के जातीय उपद्रव करवा कर लोंगो को जातीय समीकरण में उलझा दो तो कभी आरक्षण का झुनझुना थमा दो और उलझाये रखो । विपक्ष के ऊपर ये वाक्य सही साबित होता है कि,  तुम सद पुरुष ना संहारी, लूटो बारी बारी ।। अब भी समय है आंखे खोल लीजिये वार्ना आगे शायद ही मौका मिले । मोदी जी दुबारा नही मिलेंगे इस देश को । शिवोहम।।

Wednesday, December 26, 2018

अर्बन नक्सलवाद। देश को तोड़ने की साज़िश ।

5 लोगों के खिलाफ मुम्बई हाइकोर्ट का फ़ैसला आया और उसने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया ।कोर्ट ने कहा कि जाँच की ज़रूरत है । प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर ये साबित हो रहा है कि इन पांचों लोगों ने देश के खिलाफ गहरी साजिश रची थी । विडंबना ये है कि बिना सोचे समझे अपने राजनीतिक लाभ को पाने के लिए पूरे विपक्ष ने सरकार को मानवाधिकार विरोधी बता कर देश का मौहोल अस्थिर करने में कोई कसर नही छोड़ी थी । आज क्यों खामोश है और अपनी करनी की माफी क्यों नही माँगते ? और दुस्साहस देखिये एक चैनल ndtv तो अब भी सारे दिन पूरे ज़ोर से कोर्ट के फैसले को ही गलत बताने में पूरी ताकत से जुट गया है । क्यों नही देशभक्त लोग आगे आते ? आधीरात को याक़ूब मेमन को बचाने पूरा देशद्रोही तबका इक्कट्ठा होकर सुप्रीम कोर्ट पहुँच जाता हैं । जे एन यू में देशद्रोहियों का साथ देने पूरा देशद्रोही कुनबा जुट जाता है । देश को तोडने वालों के खिलाफ देशद्रोही एकजुट हो जाते है । कोर्ट के फैसले को मानते नही ।पत्थरबाजों की हिमायत करते है ।देश की सेना और सरकार के अच्छे कामों की आलोचना करते है । सत्ता सुख भोगते हुए लाखों करोड़ के घोटाले करते है और सत्ता से बाहर होने पर हर दिन सरकार को अस्थिर करने और गिरने का प्रयास करते है।संसद को असंवैधानिक तरीके से काम करने से रोकते है ।देशहित की योजनाओं को पास नही होने देते ।जनहित के बिलों का विरोध करते हैं । दंगे फसाद करने वालों के साथ खड़े दिखाई देते है ओर उनका खुलकर साथ देते है और इतना कुछ सहने वाली सरकार को असहिष्णु कहती है और जनता सबकुछ देखकर भी उन्हें जिताकर फिर राज्यो में भेजती है । गंगा शुद्धि से लेकर तीन तलाक़ के रास्ते मे रोड़े अटकाने वाले, अपराधियों और देशद्रोहीयो के समर्थन में खुले आम आने वालों को जनता कैसे सरकार में पुनः ले आती है कमाल ही है । भीमा कोरेगांव से लेकर पत्थरबाजी की घटनाएं से साबित करती है कि देशद्रोही बौखलाहट में है । नरेन्द्र मोदी के आने से उनकी बौखलाहट बहुत बढ़ गयी है और उन्हें उनका अस्तित्व खत्म होता हुआ दिखाई दे रहा है और वो किसी भी कीमत पर उन्हें सत्ता विहिन करने को लालायित हो रहे है ।कोई फर्क नही पड़ता चाहे इसके लिए देश कई टुकड़ो में बट जाये । ये तो उन तूकड़ो को भी आपस मे बांट कर राज कर लेंगे । जनता  बेवकूफ थीं है और रहेंगी । गुलाम थीं, हैं और रहेगी ।मुगलों को जयचंद जैसे लोग साथ देके देश को उनके समक्ष परोस देते है । मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले श्री गुरू गोबिन्दसिंह जी और छत्रपति शिवाजी के खिलाफ षड्यंत्र करने वाले , तात्या टोपे, लक्ष्मीबाई औऱ अन्य देहभक्तो को अंग्रेजो के हाथों मरवाने वाले , भगतसिंह को आतंकवादी बताने वाले, निजी स्वार्थ के लिए देश का बटवारा करने वाले लोगो को अपना मसीहा समझने वाली हमारी जनता कभी गुलामी से उबरना चाहती ही नहीँ है ऐसा लगता है । में फिर कहता हूं की ईश्वर बार बार अवसर नही देता। इस बार डूबे तो वर्षों तक कोई मोदी नही आने वाला । शिवोहम ।

Tuesday, December 25, 2018

तीन राज्यो के मुख्यमंत्री राहुल गांधी

कांग्रेस की अंदरूनी खींच तान इस कदर तक बढ़ गई है कि अब राज्यो की छोटी छोटी समस्याओं और हर छोटे फैसले के लिए आलाकमान के पास जाना पड़ रहा है । मुख्यमंत्री के चुनाव का मुद्दा राहुल गांधी सुलझाएंगे चुने हुए विधायको की बजाय । मंत्रियो का चुनाव भरे राहुल करेंगे , अब उनके विभागों को भी राहुल ही तय करेंगे । अब आप ही निश्चित कीजिये कि मुख्यमंत्री है कौन ? सरकार अभी तो बनी है ।पांच साल में क्या क्या देखने मिलेगा भगवान जाने ।पार्टियाँ आपस मे लड़ रही है ।कांग्रेस के लोग आपस मे लड़ रहे हैं । सब मिल कर मोदी को धराशायी करने के लिए किसी भी हद्द तक जाने के लिए तैयार है और अपनी पार्टी सम्हाल नही पा रहे है । जिन राज्यो में जीत पर इठला रहे है राहुल गांधी उन राज्यो में उनके लोग आपस मे लड़कर हर दूसरे दिन दिल्ली में डेरा डाल लेते हैं । क्या विकास करेंगे । केजरीवाल जैसा हाल है दिल्ली संभाल नही पा रहे और पूरे देश मे मोदी जी के खिलाफ बिना बोलते हुए घूम रहे है । मुझे ये समझ मे नहीं आ रहा कि राहुल गांधी अगर जीत गए 2019 में तो गठबंधन को सम्हालेंगे या राज्यों के काम देखेंगे । कैसे लोगों को जनता ने जीता कर कर भेज दिए ? क्या देश की जनता आंखों से देख कर मक्खी निगल रहे है ? कमाल है इस देश के लोगों का जो गुलामी से निकलना ही नही चाहते ।ईश्वर भी मदद करे तो कैसे करें ।शिवोहम ।।

Saturday, December 22, 2018

कुछ तो शर्म करो देश से गद्दारी करते हुए

भारत तेरे टुकड़े होंगे , इंशा अल्लाह के नारे एक यूनिवर्सिटी में सी.पी.एम. के लोगों द्वारा लगाए गए । सरकार और देश भक्त लोगों ने विरोध किया तो उनकी मदद के लिए कांग्रेस से राहुल गांधी, शशि थरूर आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह सी.पी.एम. से येचुरी और कई स्वार्थी राजनीतिज्ञ अपने फायदे के लिए जे एन यू पहुंच गए और देश विरोधियो की वाह वाही करने लगे । कश्मीर में रोज़ सेना के खिलाफ पत्थर बाज़ी होती है सैनिक घायल होते है मरते है तब इनका गला बैठ जाता है औऱ कोई पत्थरबाज़ या आतंकवादी मर जाए इनके स्वार्थी आँसू निकल आते है । देश मे हर दिन आतंकवादी घटनाएं बोम्ब विस्फ़ोट होते थे । पाँच साल से नही हुए तो इन्हें पच नही रहा । आज तक इतने धमाके हुए तब नसीरुद्दीन शाह नही डरे पर देश मे शांति है तो घबरा गए है । आमिर , शाहरुख और अन्य लोगों को भी सत्ता बदलते ही डर लगने लगा था । सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिश पूरा जोर लगा कर हो रही है । उन्हें तो तनिक भी शर्म नही आती पर क्या हमारी शर्म भी मर गयी जो ये सब देखते हुए भी इन देश विरोधियो को फिर से सत्ता में ला रहे हैं । देश बचेगा तो आप बचोगे । छोटे छोटे प्रलोभनों में आकर जैसे वो देश विरोधी गतिविधियों में सम्मिलित हो रहे है वैसे ही हम वी उन्हें बढ़ावा देकर देश से गद्दारी नहीं कर रहे है तो क्या कर रहे है ? सारे गद्दार देश को तोड़ने के लिए एकजुट हो गए हैं और पुरी ताक़त के साथ झूठ बोल रहे है ओर साम दाम दंड भेद, नीति शास्त्र वेद ज्ञान सब लगा के हेंन केन परकेन सत्ता हथियाने की कोशिश कर रहे है और मूर्ख लोग क्षणिक स्वार्थ के लिए उनका साथ देने के लिए लालायित है। थोड़ा कभी स्वयं के अलावा देश के बारे मे भी सोच लीजिए । इस बार चूके तो भविष्य में कोई मोदी नहीं आएगा बचने ।रोज़ रोज़ ईश्वर अवतार नही लेते । शिवोहम।।

Friday, December 21, 2018

सस्ती लोकप्रियता, लुभावने वादे, गड्ढ़े में गिरता देश ।

भारत देश को एक मोदी क्या लाखों मोदी भी जी जान से जुट जाएं तो भी नही बचा सकते । कारण है हमारी मानसिकता । हाल ही में पाँच राज्यो कर चुनाव के समय मैं राजस्थान मे था ।कांग्रेस किसानों की कर्ज माफी का वायदा करके सत्ता में आ गयी । क्या कर्ज माफी से किसानों का भला हो जाएगा ? कमाल है ना , बैंको पर बोझ पड़ेगा जो बैंक कांग्रेस के राज में दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गए थे ।सरकार उन्हें आर्थिक मदद देने की कोशिश कर रही है जिस से वो फिर से खड़े हो सके और कांग्रेस ने आते ही उन पर फिर बोझ लाद दिया । क्या कर्ज माफी के पैसे राज्य सरकार बैंको को देगी ? इसकी गुंजाइश ना के बराबर है । ये तो हुई पहली बात ।दूसरी बात , क्या कर्ज माफी से किसानों का भला होगा ? देश और राज्य का भला होगा ? आप वोट के लिए कर्ज माफ करते रहें ,वो लेता रहेगा ? तो आप उसे स्वाबलंबी होने की बजाय एक ऐसी आदत डाल रहे है जो पड़ने के बाद वो ज़िंदगी मे इज्ज़त से कुछ भी करने लायक नही बचेगा । मोदी जी कोशिश कर रहे है कि किसान स्वाबलम्बी हो
उसे किसी की मदद की ज़रूरत ही ना रहे । पर सत्ता की लालची पार्टियाँ लुभावनी गाजर दिखा कर लोगों को बरगलाने में कामयाब रही । अब जिस देश के लोग मेहनत करके खाना ही नही चाहते उस देश के लोगो का मोदी क्या भला कर सकते है । एक ऐसा प्रधानमंत्री जो 24 में से 18 घंटे काम करके लोगों के सामने मिसाल देता है और लोग उस मिसाल को समझने के बजाय मुफ्तखोरी की गाजर दिखाने वाले लोगों के साथ हो लेते है । ये सोचे बगैर की तुम्हारा कर्ज़ माफ करने के लिए वो पैसे तुमसे ही लेंगे उनके घर मे नोट नही छपते । सरकार के पास सिटी में चलाई जा रही बसों के कंडक्टर और ड्राइवर को तनख्वाह देने के पैसे नही है 4 महीनों से बकाया है । तक़रीबन 500 लोगो के लिए जगह खाली है 1 साल से उसकी भर्ती करने का बजट है ।कंडक्टरों की बजाय एजेंट भर्ती कर रखे है उनकी भी तनख्वाह 8 महीनों से नही दी और 30- 40 हज़ार करोड़ के कर्ज माफ करने का ऐलान कर दिया ।एक तरफ मुख्यमंत्री कहते है खज़ाना खाली है और दूसरी तरफ 40 हज़ार करोड़ का भार उठा रहे रहे है खुशी खुशी । समझ से परे है । अब भी समझ जाईये पिछले 5 सालों में मोदी सरकार से विदेशी कर्ज के लाखों करोड़ चुकाएँ हैं । ये दुबारा आ गए तो अबकी बार मोदी जी भी नही बचा पाएंगे । भविष्य में मोदी जैसा प्रधानमंत्री दुबारा मिले इसकी संभावना कम ही है । ये तो बर्बाद करके अपना फायदा करके निकल जाएंगे भुगतना आपको और आने वाली पीढ़ी को है । शिवोहम।