Wednesday, November 16, 2011

HI

जो उदार है, जो देना जानते हैं, उन्हें परमात्मा कभी कोई कमी नहीं करता. सेवा चाहे छोटी हो या बड़ी परमात्मा की नजर से नहीं छुपती. उसका प्रतिफल मिलकर रहता है. यदि आप उदार है तो समझिये की आपपर परमात्मा की कृपा है, वह अपने कार्य आपके द्वारा संपन्न करना चाहता है.
भारत के माहान संत श्री मन्मध्याचार्य का उपदेश: व्यर्थ की सांसारिक झंझटों के चिंतन में अपना अमूल्य समय नष्ट न करो. भगवान में ही अपने अंत:करण को लीन करो. विचार, श्रवण, ध्यान, स्तवन, से बढाकर संसार में अन्य कोई पदार्थ नहीं है.