उनकी भाव भंगिमाएँआज के युग मे जहाँ हर व्यक्ति अपने आप में ही व्यस्त है । मोबाइल के आविष्कार के कारण तो इंसान अपने घर परिवार से भी कट गया है।ऐसे में कोई व्यक्ति वन्य जीवों के प्रति घंटो रोज़ अपना जीवन समर्पित करे उसे इन जीवों को बचाने की साधना नही कहेंगे तो क्या कहेंगे? पिछले हफ्ते मनीष शर्मा द्वारा वन्य जीवों की खींची गई तस्वीरों की प्रदर्शिनी 2 जनवरी से6 जनवरी तक जवाहर कला केंद्र , पारिजात 2 गैलरी जयपुर में प्रदर्शित की गई । जिसमें विलुप्त होने की कगार पर खडे कई पक्षियों के चित्र थे । उनकी भाव भंगिमाएँ , कलोल क्रियाएं, भोजन, नृत्य सभी प्रकार की भंगिमाओं पक्षियों के चित्र ध्यानाकर्षण कर रहे थे । प्रदर्शनी का उदघाटन बी एल सोनी ए डी जी पुलिस ने किया और मुख्य आकर्षण के केंद्र थे फ़िल्म निर्देशक निशान्त भारद्वाज जिन्होंने मुम्बई से आकर विशेष रूप से इस कार्यक्रम में शिरकत की। निशान्त भारद्वाज ने ना केवल चित्रों को सराहा अपितु मनीष के वन्य जीवों के प्रति लोंगो को जागरूक करने के प्रयास को भी सराहा । मनीष शर्मा के मुताबिक अगर इसी तरह मनुष्य अपना विस्तार करता रहा तो भविष्य में ये जीव मात्र तस्वीरो में ही नज़र आएंगे । सरकार को चाहिए कि इसने संरक्षण दे और आम आदमी को इन्हें प्यार से संरक्षित करने का आव्हान किया ।
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